The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम, नील कंठ को कोटि प्रणाम
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त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे Shiv chaisa कलेशा॥
महाशिवरात्रि मनाने के आध्यात्मिक कारण
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
त्रिपुरारी की शरण में आओ चैन मिले जीवन का,
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ।